kayasth chitragupta

Kayastha Chitragupta Temple in India

चित्रगुप्त मंदिर एक धार्मिक स्थल है, जो की भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित है और भारतीय धर्म और सांस्कृतिक धरोहर को प्रकट करते है। यह मंदिर भगवान चित्रगुप्त को समर्पित है, जो यमराज के कार्यकर्ता के रूप में काम करते हैं, इस लेख में, हमने भगवान् चित्रगुप्त के विभिन्न स्थलों पर स्थित मंदिरों को सामिल किया है

चित्रगुप्त मंदिर, काशी (वाराणसी)​

कायस्थ चित्रगुप्त मंदिर, काशी (वाराणसी) का इतिहास प्राचीन है और यह मंदिर हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि यह मंदिर कई शताब्दियों पहले स्थापित किया गया था। कायस्थ समाज के लोगों ने इसे चित्रगुप्त महाराज की पूजा और समाज की एकता को बनाए रखने के लिए बनाया। चित्रगुप्त, जो यमराज के लेखाकार माने जाते हैं, की पूजा यहाँ विशेष रूप से की जाती है। मंदिर की स्थापना के पीछे मुख्य उद्देश्य धर्म और कर्म के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना था।

यह मंदिर वाराणसी के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, और यहाँ हर साल दीवाली के बाद चित्रगुप्त पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में कायस्थ समाज के लोग भाग लेते हैं। इस आयोजन में लेखनी, दवात और हिसाब-किताब के बही खाते चढ़ाकर चित्रगुप्त से ज्ञान और सद्बुद्धि की प्रार्थना की जाती है।

चित्रगुप्त मंदिर, (गोरखपुर)
कायस्थ चित्रगुप्त मंदिर, गोरखपुर की स्थापना 1950 के दशक में हुई थी। इस मंदिर की स्थापना का मुख्य उद्देश्य कायस्थ समाज के लोगों को एकत्रित करना और चित्रगुप्त जी की पूजा-अर्चना के माध्यम से समाज में एकता और संस्कारों का प्रचार करना था। स्थापना के समय, स्थानीय कायस्थ समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने मिलकर भूमि का चयन किया और मंदिर निर्माण के लिए आर्थिक सहयोग जुटाया। चित्रगुप्त जी की मूर्ति का विधिवत प्राण प्रतिष्ठान किया गया, जिसमें समाज के सभी सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। मंदिर की स्थापना के बाद से हर वर्ष चित्रगुप्त पूजा, विशेष रूप से दिवाली के दूसरे दिन, बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। इस अवसर पर भव्य पूजा, हवन और भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से भक्तगण शामिल होते हैं। यह मंदिर अब गोरखपुर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और कायस्थ समाज के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्र बन गया है।
चित्रगुप्त मंदिर, फैजाबाद (अयोध्या)
कायस्थ चित्रगुप्त मंदिर, फैजाबाद (अयोध्या) की स्थापना 19वीं शताब्दी के अंत में हुई थी। इस मंदिर की स्थापना कायस्थ समुदाय द्वारा की गई थी, जो चित्रगुप्त भगवान को अपने कुलदेवता मानते हैं। चित्रगुप्त, जो धर्मराज यम के सचिव और लेखाकार हैं, की पूजा के लिए इस मंदिर का निर्माण किया गया। स्थापना की प्रक्रिया में पहले भूमि का चयन किया गया, फिर विधिवत पूजन और भूमि पूजन करके नींव रखी गई। इसके बाद, चित्रगुप्त भगवान की मूर्ति को स्थापित किया गया। इस मंदिर में विशेष रूप से दीपावली के अगले दिन यम द्वितीया के अवसर पर भव्य पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन कायस्थ समुदाय के लोग अपनी पुरानी लेखा-जोखा पुस्तकों को मंदिर में लाकर पूजा करते हैं और नई लेखा-जोखा पुस्तकों की शुरुआत करते हैं। मंदिर की स्थापना का मुख्य उद्देश्य चित्रगुप्त भगवान की आराधना और कायस्थ समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना था।
चित्रगुप्त मंदिर, मथुरा
चित्रगुप्त मंदिर, (मथुरा)
कायस्थ चित्रगुप्त मंदिर, मथुरा की स्थापना का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। इस मंदिर की स्थापना के पीछे की कहानी यह है कि जब यमराज के सचिव चित्रगुप्त ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया, तब उनके सम्मान में इस मंदिर का निर्माण किया गया। यह माना जाता है कि चित्रगुप्त जी ने अपने अनुयायियों के बीच न्याय, सत्य और धर्म के सिद्धांतों का प्रचार किया। मथुरा, भगवान कृष्ण की जन्मभूमि के रूप में प्रसिद्ध है, और इस पवित्र नगर में चित्रगुप्त मंदिर की स्थापना ने कायस्थ समुदाय के लोगों को एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल प्रदान किया। हर साल दिवाली के दूसरे दिन, कायस्थ समुदाय के लोग यहां पूजा-अर्चना करते हैं और चित्रगुप्त जी से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस मंदिर में नियमित रूप से विशेष पूजा और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तजन शामिल होते हैं। इस मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व कायस्थ समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर, (पटना)
श्री कायस्थ चित्रगुप्त आदि मंदिर, पटना का स्थापना इतिहास समृद्ध और महत्वपूर्ण है। यह मंदिर 1883 में स्थापित हुआ था। इसके निर्माण के पीछे कायस्थ समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की भावना थी। पटना के अग्रणी कायस्थ परिवारों ने मिलकर इस मंदिर की नींव रखी। मंदिर का प्रमुख उद्देश्य चित्रगुप्त भगवान की पूजा-अर्चना और उनकी शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार करना था। चित्रगुप्त, जिन्हें कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाला माना जाता है, की मूर्ति को यहां स्थापित किया गया और नियमित पूजा, भजन-कीर्तन और वार्षिक उत्सवों का आयोजन शुरू हुआ।यह मंदिर न केवल धार्मिक गतिविधियों का केंद्र है, बल्कि समाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। आज, यह मंदिर पटना में कायस्थ समुदाय के लोगों के लिए आस्था और सम्मान का महत्वपूर्ण स्थान है।
चित्रगुप्त स्वामी मंदिर, (कांचीपुरम)
कायस्थ चित्रगुप्त स्वामी मंदिर, कांचीपुरम, तमिलनाडु, भारत में स्थित है। यह मंदिर 1990 में स्थापित हुआ था। इसका निर्माण कायस्थ समुदाय ने चित्रगुप्त भगवान की पूजा के लिए किया। इस मंदिर की स्थापना के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण था कि कायस्थ समुदाय चित्रगुप्त भगवान को अपने वंशजों का लेखनार्थी मानता है। मंदिर का विशेष ध्यान रखा जाता है, और यहां पर भक्त अपनी मांगनियाँ रखते हैं और अपने उत्सवों को मनाते हैं। मंदिर में प्रतिदिन पूजा और आरती की जाती है, जिसमें स्थानीय भक्त भाग लेते हैं। यहां कायस्थ समाज के लोग उपयुक्त सामग्री और सेवाएँ दान करते हैं।
धर्मराज चित्रगुप्त मंदिर, रामघाट, (उज्जैन)
कायस्थ धर्मराज चित्रगुप्त मंदिर, रामघाट, उज्जैन, मध्य प्रदेश, भारत में स्थित है। यह मंदिर 18वीं सदी में स्थापित हुआ था। मंदिर को उज्जैन के कायस्थ समाज ने चित्रगुप्त भगवान की पूजा के लिए स्थापित किया। यहाँ पर भक्त अपनी मांगनियाँ रखते हैं और अपने उत्सवों को आत्मसात करते हैं। मंदिर में प्रतिदिन पूजा और आरती की जाती है, जिसमें स्थानीय भक्त भाग लेते हैं। यहाँ कायस्थ समाज के लोग उपयुक्त सामग्री और सेवाएँ दान करते हैं।
चित्रगुप्त मंदिर खजुराहो (मध्य प्रदेश)
कायस्थ चित्रगुप्त मंदिर, खजुराहो, मध्य प्रदेश में स्थित है। यह मंदिर 20वीं सदी के अंत में कायस्थ समाज द्वारा स्थापित किया गया था। खजुराहो के मंदिरों के प्रसिद्धता के साथ-साथ, यह मंदिर चित्रगुप्त भगवान को समर्पित है, जो यमराज के अधीन हैं और मनुष्यों के कर्मों का लेखन करते हैं। यहाँ पर भक्त चित्रगुप्त भगवान की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मंदिर में प्रतिदिन पूजा और आरती होती है, जिसमें स्थानीय लोग भाग लेते हैं। यहाँ पर कायस्थ समुदाय के लोग उपयुक्त सामग्री और सेवाएँ भगवान को अर्पित करते हैं।
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